चार अजुबे इस दुनिया मे
सेवा सतसंग ओर सिमरन से, जिवन ये मेहकाना
सारे सुख हे उसने पाये, जिसने भि ये माना. हो होहो!! धृ!!
सारे सुख हे उसने पाये, जिसने भि ये माना. हो होहो!! धृ!!
सेवा करने से ये मन खुशहाल रहे, सेवा करने वाले मालोमाल रहे २
सेवा है जिसने कमाई, उसे कोेई ना छिने भाई २
जानि है सब येहि कमाई, ओर कुछ साथ ना जानि.हो हो हो !!१!!
सेवा है जिसने कमाई, उसे कोेई ना छिने भाई २
जानि है सब येहि कमाई, ओर कुछ साथ ना जानि.हो हो हो !!१!!
खाकि निलि वदीँ पहने सारे है, सतगुरू के ये सारे बच्च प्यारे है २
सब काम छोड केआते,सेवा मे ध्यान लगात २
हो, सात्गुर के वचनों से हे ये जिवन को हे चमकते.हो होहो!!२!!
सब काम छोड केआते,सेवा मे ध्यान लगात २
हो, सात्गुर के वचनों से हे ये जिवन को हे चमकते.हो होहो!!२!!
सुख सारे मिल पाये तेरे सन्तो को,सेवा करके सजाये अपने कर्मों को२
हाथो से सेवा कमाना,कर्मो तन को सजाना२
हो,दास"हरी" को भी ये वर दो सेवा करले थोड़ी.हो होहो !!३!!
हाथो से सेवा कमाना,कर्मो तन को सजाना२
हो,दास"हरी" को भी ये वर दो सेवा करले थोड़ी.हो होहो !!३!!
!!धन निरंकर जी!!